गुण सूत्र (Chromosome)
गुणसूत्र की खोज वाल्डेयर (Waldeyer) ने की थी। कोशिका विभाजन की मेटाफेज एवं एनाफेज अवस्था में गुणसूत्र स्पष्ट दिखाई देते हैं। किसी भी जाति में गुणसूत्र की संख्या निश्चित होती है। दैहिक कोशिकाओं में द्विगुणित तथा जनन कोशिकाओं में अगुणित होते हैं। ऐसा गुणसूत्र जो कि लिंग निर्धारण में भाग लेते हैं उसे लिंग गुणसूत्र ( sex chromosome) कहते हैं।
गुणसूत्र की
संरचना (Structure
of chromosome)
1. पेलिकल (Pellicle)
गुणसूत्र एक अत्यन्त पतली झिल्ली द्वारा घिरा रहता है जिसे पेलिकल कहते हैं।
2. मैट्रिक्स (matrix )
गुणसूत्र के अन्दर पाए जाने वाला ऐसा पदार्थ है जिसमें गुणसूत्र के अन्य भाग पाए जाते हैं।
3. क्रोमोनीमा (chromonema)
गुणसूत्र के दो कुण्डलित उप इकाईयों को क्रोमोनीमा कहते हैं।
4. क्रोमोमीयर (chromomere)
क्रोमोनीमा पर पाई जाने वाली दानेदार संरचना को क्रोमोमीयर कहते हैं।
5. सेन्ट्रोमीयर (centromere)
वह भाग जहाँ दोनों कोमेटीक आपस में जुड़ते है
उसे सेन्ट्रोमीयर कहते हैं।
6. टीलोमीयर (Telomere)
गुणसूत्र के दोनों अतिम सिरों को टीलोमीयर (Telomere) कहते हैं।
गुणसूत्र के प्रकार
सेन्ट्रोमीयर की स्थिति के आधार पर गुणसूत्र चार प्रकार के होते हैं-
1. एक्रोसेन्ट्रिक (Acrocentric ) - गुणसूत्र छड़ के समान एक भुजा बडी तथा एक भुजा अत्यन्त छोटी होती है।
2. सब मेटासेन्ट्रिक (Submetacentric)- यह "L" के समान होता है जिसमें एक भुजा बडी तथा एक भुजा छोटी होती है।
3. मेटासेन्ट्रिक (metacentric)— यह "V" के समान है जिसमे दोनों भुजाएँ बराबर होती है।
4. टीलोसेन्ट्रिक - सेन्ग्रोमीयर गुणसूत्र के शीर्ष पर स्थित होता है।
केरियोटाइप (Karyotype)
किसी जीव के गुणसूत्र के एक सेट को केरियोटाइप कहते है। मनुष्य में 23 जोड़ी गुणसूत्र को
सेट कहते है। इसके द्वारा
मनुष्य में आनुवंशिक असमान्यताओं का पता लगाया जाता है।
इडियोग्राम (Idiogram)
लम्बाई के घटते क्रम मे गुणसूत्र का रेखीय निरुपण को इडियोग्राम कहते है। यह गुणसूत्र की संख्या आकार एवं प्रकार के आधार पर बनाया जाता है
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