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General introduction to Hindi prose genres


हिन्दी गद्य विधाओं का सामान्य परिचय |  नाटक | एकांकी |उपन्यास |कहानी |निबंध | जीवनी |  आत्मकथा |

हिन्दी गद्य विधा

हिन्दी गद्य विधाओं का सामान्य परिचय


    नाटक

    नाटक दृश्य काव्य का एक भेद है। यह अभिनेय गद्य विधा है। नाटक को पाँचवा वेद भी कहा जाता है। हिन्दी में नाटक का प्रारंभ भारतेन्दुयुग से हुआ। नाटक के तत्व-  

    (1) कथावस्तु

     (2) पात्र एवं चरित्रचित्रण

     (3) संवाद योजना

    (4 ) अभिनेयता

    (5) गीतात्मकता

     (6) भाषा शैली

    हिन्दी के प्रसिद्ध नाटक एवं नाटककार

    1.अधेर नगरी - भारतेंदु हरिशचन्द्र

    2) अजातशत्रु ध्रुवस्वामिनी, चन्द्रगुप्त जयशंकर प्रसाद

    3) राजयोग, सिन्दूर की होली लक्ष्मीनायारण मिश्रा

    (4) शशिगुप्त, कोणार्क - सेठ गोविन्द दास

    (5) झाँसी की रानी वृन्दावन लाल वर्मा

    (6) कोणाक्र -जगदीश चन्द्र माथुर

     

    एकांकी

    एकांकी विधा भी दृश्य विधा है जो एक अंक पर आधारित होती है। एकाकी में त्रयसूत्र (काल. समय स्थान) महत्वपूर्ण होते हैं। जयशंकर प्रसाद की रचना (संवत् 1983) एक घूँट को हिन्दी की पहली एकाकी माना जाता है। एकाकी के कई रूप हैं- रेडियो रुपक, संगीत रुप, एकल नाट्य आदि ।

    एकाकी के तत्व –

    (1) कथानक

    (2) चरित्रचित्रण

    (3) कथोपकथन

    (4) वातावरण

    (5) उददेश्य

    (6) भाषा शैली

    (7) संकलनत्रय

    (8) रंगमंचीय सार्थकता ।

    प्रमुख रचनाएँ

    एकांकी एवं एकांकीकार (1) रेशमीटाई, चारुमित्र डॉ. राम कुमार वर्मा

    (2) भोर का तारा ओ! मेरे सपने जगदीश चन्द्र माथुर

    (3) सनोबर के फूल = नरेश मेहता आदि ।

     उपन्यास

    उपन्यास का शाब्दिक अर्थ है समीप रखना। उपन्यास में प्रसादन अर्थात् आनंद का नाव निहित होता है। "उपन्यास ऐसी गद्य रचना है जिसमें सम्पूर्ण जीवन का चित्रण होता है। यह आधुनिक युग का महाकाव्य है।

     

    उपन्यास के तत्व :-

    (1) कथावस्तु

    (2) पात्र एवं चरित्र-चित्रण

    ( 3 ) कथोपकथन

    (4) देशकाल परिस्थितियाँ

    (5) भाषा शैली

    (6) उद्देश्य।

    हिन्दी उपन्यास लेखन का प्रारंभ भारतेन्दु युग से माना जाता है। लाला श्रीनिवास दास का परीक्षा गुरु (1882) हिन्दी का पहला उपन्यास माना जाता है। प्रेमचंद उपन्यास सम्राट कहलाते है ।

    प्रमुख उपन्यास एवं उपन्यासकार

    (1) चन्द्रकांता संतति देवकी नन्दन खत्री

    2) गवन गोदान निर्मला आदि -प्रेमचन्द्र

    3) शेखर एक जीवनी - अज्ञेय

    4) तमस - भीष्म साहनी

    5) बाणभट्ट की आत्मकथा -हजारी प्रसाद द्विवेदी आदि ।

     कहानी

    हिन्दी साहित्य में कहानी का जन्म भारतेन्दु युग से हुआ सरस्वती पत्रिका के प्रकाशन ने तो हिन्दी कहानी में क्रांति पैदा कर दी। कहानी में बहुत विस्तृत विश्लेषण की गुन्जाइश नहीं होती। यहाँ हमारा उद्देश्य सम्पूर्ण मनुष्य को चित्रित करना नहीं वरन उसके चरित्र का एक अंग दिखता है (प्रेमचंद)

     कहानी के तत्व

    1) कथावस्तु

    2) पात्र एवं चरित्र चित्रण

    3) संवाद

    4) वातावरण

    5) भाषा-शैली

    6) उद्देश्य

    प्रमुख कहानी एवं कहानीकार –

    1) कफन, पूस की रात, नमक का दरोगा -प्रेमचन्द

    2) पुरस्कार ममता, आकाशदीप जयशंकर प्रसाद

    3) उसने कहा था-चन्द्रधर शर्मा गुलेरी आरंभिक दौर की कहानियों में ग्यारह वर्ष का समय, इन्दुमती आदि हैं।

    निबंध

    भावों और विचारों को सुव्यवस्थित रूप में बाँधना ही निबंध है।

    निबंध गद्य लेखन की एक उत्कृष्ट विधा यह के अनुसार यदि गद्य की कसौटी है तो गद्य की कसौटी है। निबंध का अर्थ है धन युका या बाँधना निबंध साहित्य का विकास क्रम इस प्रकार है -:

    1) भारतेन्दु युग :- इस युग के लेखकों में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र प्रतापनारायण मिश्र, बालकृष्ण भट्ट आदि आते हैं।

    2)    के अलावा इस काल के लेखक बालमुकुन्द गुप्त, सरदार पूर्णसिंह, बाबू श्यामसुन्दर दास थे।

    3) शुक्ल युग-: आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के इस काल के लेखकों में रामकृष्णदास, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, माखन लाल चतुर्वेदी आदि हैं।

     

    4) शक्लोत्तर युग:- शुक्लोत्तर वास्तव में शुक्ल युग प्रसाद द्विवेदी अज्ञेय कुबेरनाथ आदि हैं। विषयों की विविधता के आधार पद निबंधों का वर्गीकरण प्रकार किया जाता है।

    1. वास्तविक

    2 कथात्मक या विवरणात्मक

    3.विचारात्मक या भावात्मक

    जीवनी

    जीवनी का तात्पर्य है :- किसी महान व्यक्ति के जीवन का समग्र चित्रण अर्थात उस व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यूतक की घटनाओं को कालक्रम से इस प्रकार प्रस्तुत करना जिससे उसके व्यक्तित्व के सभी पहलू उद्‍घाटित हो उठे।

    रचना रचनाकार :-

    1) कलम का सिपाही – अमृतराय 

    2) सुमित्रानंदन पंत जीवनी और साहित्य- शांतिजोशी।

    3) आवारा मसीहा-विष्णु प्रभाकर ।

    4) निराला की साहित्य साधना - डॉ राम विलास शर्मा आदि।

    आत्मकथा

    तटस्थ संस्मरणात्मक होती लेखक इसमें ही जीवन के महत्वपूर्ण एवं मार्मिक घटनाओं पूरी ईमानदारी प्रस्तुत करता तथा उन घटनाओं का अपने जीवन पड़े प्रभाव का उल्लेख करता है।

    1) कुछ आप बीती जग बीती - भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ।

    2) मेरी असफलताएँ - बाबू गुलाब राय  

    3) आत्मकथा डॉ .राजेन्द्र प्रसाद

    4) क्या भूलूँ क्या याद करूँ - हरिवंशराय बच्चन

     

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