GOE S - Chhattisgarh 

Women Empowerment in Chhattisgarh




 महिला सशक्तिकरण


छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण(  Women empowerment in Chhattisgarh) -

  • बच्चों सर्वाण संबंधित एवं कार्यक्रमों सुव्यवस्थित ढंग क्रियान्वित करने एवं गति के महिला विकास विभाग गठन किया है

महिला व बाल विकास विभाग उद्देश्य:(Women and Child Development Department Objectives ) -  

  1.   प्रदेश की महिलाओं सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य एवं सुधार लाना
  2. महिलाओं के शारीरिक मानसिक, बौद्धिक विकास स्थिति सुधार लाना एवं महिलाओं कुपोषण से बचाना।
  3.  महिलाओं के संवैधानिक हितों की सुरक्षा करना
  4. महिलाओं के कल्याण सुरक्षा से संबंधित कानूनों एवं विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उन्हें सक्षम एवं जागरूक बनाना ।
  5. प्रदेश में विभिन्न विभागों के लिए महिलाओं व बच्चों के विकास से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन से समन्वयक की भूमिका निभाना, महिलाओं को सशक्त व समर्थ बनाने हेतु महिला सशक्तिकरण नीति के क्रियान्वयन में समन्वय स्थापना इस आयोग का मुख्य उद्देश्य है।

    महिला सशक्तिकरण हेतु राज्य द्वारा संचालित योजनाएँ ( State run schemes for women empowerment)

    1.कृषि में भागीदारी :( Participation in agriculture )

    कृषि विभाग द्वारा कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु जिला पंचायत की कृषि समिति में उनकी उपस्थिति आवश्यक की गई है।

    2. दाई प्रोत्साहन योजना:( Midwifery incentive scheme )-

    ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य कराने हेतु दाई की प्रति प्रसूती 25 की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है जो मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सिफारिश पर कलेक्टर द्वारा देय होती है।

    3. महिला समृद्धि योजना:( Mahila Samridhi Yojana )-

    अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए इस योजना को लागू किया गया है जिससे इस वर्ग की महिलाएँ स्वरोजगार प्राप्त कर सके। इन्ही महिलाओं के लिए स्वरोजगार की माइक्रोक्रेडिट योजना भी प्रारंभ की गई है। 

    पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए व्यक्तिमूलक योजना प्रारंभ की गई है। जिसमें पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को 6 प्रतिशत ब्याज राशि पर 5 हजार तक का बैंक ऋण जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा स्वीकृत किया जाता है।

    4.अन्तर्जातीय पुरस्कार प्रोत्साहन योजना:( Inter-caste Rewards Incentive Scheme )-

    इस योजना के अंतर्गत ऊँच नीच व छुआछूत को खत्म करने के उद्देश्य से यदि कोई सवर्ण वयस्क - अनुसुचित जाति वर्ग की महिला से अन्तर्जातीय विवाह करता है तो ऐसे दम्पति को पाँच हजार रुपये नगद पुरस्कार, स्वर्णपदक या एक हजार रुपए तथा प्रशास्ति पत्र एवं आने जाने का यात्रा व्यय राज्य द्वारा दिया जाता है।

    5.कन्या सारक्षता को प्रोत्साहनः(Promotion of girl literacy )-

    अनुसूचित जाति व जनजाति की कन्याओं की साक्षर बनाने हेतु - निशुल्क गणवेश प्रदाय योजना (प्रतिवर्ष 2 सेट गणवेश) सरस्वती सायकाल प्रदाय योजना ।

    6.आगमन सत्ता योजना:( Incoming power plan )-

    छात्रावास में प्रवेश लेने पर प्रथम वर्ष 800 द्वितीय वर्ष 250 तथा तृतीय वर्ष 200 की राशि दी जाती है। निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण राजीव गांधी शिक्षा मिशन की ओर से 9 से 10 तक की अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को किया जाता है। दूरस्थ अंचलों की बालिकाओं को सर्वसुविधा युक्त आवास प्रदान करने के लिए मिशन ने कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का प्रारम्भ किया है जिसमे शाला त्यागी ये बालिकाएँ अध्ययन कर आर्थिक रुप से सक्षम हो सके ।

    (7) दत्तकपुत्री योजना:( Adopted daughter scheme )-

    गरीब बालिकाओं को सक्षम व्यक्तियो समाजसेवी संस्थाओ द्वारा शाला प्रवेश दिलाकर प्राथमिक शाला में पढ़ने वाली बालिकाओ के लिए प्रतिवर्ष फीस, पुस्तक सहायता हेतु दिया जाता है।

    (8) छत्तीसगढ़ निर्धन कन्या सामूहिक विवाह योजना:( Chhattisgarh poor girl mass marriage scheme )-

    छत्तीसगढ़ निर्धन कन्या सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश के निर्धन परिवारो को विवाह के संबंध में आर्थिक कठिनाइयों के निवारण के लिए यह योजना प्रारम्भ की गई। 18 वर्ष से अधिक आयु की दो कन्याओ के सामूहिक विवाह आयोजन के लिए प्रतिकन्या 1000.00 रुपये की राशि देने का प्रावधान है।

    (9) राष्ट्रीय शौर्य पुरस्कार:( National Gallantry Award )-

     राष्ट्रीय शौर्य पुरस्कार वर्ष 2004 मे जो वीरता दिखते है बालिकाओं को स्कूल शिक्षा के दौरान 200 प्रतिमाह स्कूल स्तर पर तथा महाविधालय स्तर 500 प्रतिमाह छात्रवृति की राशि देय है।

    महिला समृद्धि योजनाऐं:( Mahila Samridhi Schemes)

    1.महिला समृद्धि योजना:( Mahila Samridhi Yojana) -

    इस हेतु छत्तीसगढ़ महिला स्वय सहायता समूहों को छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना के अन्तर्गत निम्नानुसार ऋण वार्षिक साधारण ब्याज की दर पर दिया जाता है। 1.कोष से स्वैच्छिक संगठन को 5.5 प्रतिशत (2) कोष से स्वंय सहायता समूह को 6.5 (3) स्वैच्छिक संगठनो के द्वारा स्वंय सहायता समूहो को 6.5 प्रतिशत ऋण देय होता है।

    (2) गृह लक्ष्मी योजना:( Griha Lakshmi Yojana )-

    ग्रामीण क्षेत्रो में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिला को गैस चूल्हा व सिलेण्डर दिये जाते है।

    (3) निर्मला घाट योजना :( Nirmala Ghat Scheme )-

    प्रत्येक ग्राम मे महिलाओ के हेतु पृथक घाट बनाये जाते है।

    (4) आयुष्मति योजना (Ayushmati scheme )-

     इसके अन्तर्गत -गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओ के इलाज हेतु 400 रु. तथा सप्ताह से अधिक उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती रहने पर

    1000 रुपये देय होता है, राजनांदगांव व अम्बिकापुर शहर के लिए झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं को विशेष पूरक आहार व टीकाकरण की सुविधा विशेष पोषण आहार कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदान किये जाते हैं।

    (5) किशोर शक्ति योजना (Kishore Shakti Yojana )-

     महिला बालविकास विभाग के द्वारा सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में 11 से 14 वर्ष तक की बालिकाओ मे होने वाले परिवर्तन को संबंध में जानकारी एवं आत्मनिर्भर व स्वास्थ के संबंध में जानकारी आत्मविश्वास को बढाने के लिए यह योजना प्रारंभ की गयी है।

    (6) महिला जागृति शिविर ( Women awakening camp )-

    ग्राम पंचायत, जनपद व जिला स्तर पर महिला जाग्रति शिविरों का आयोजन किया जाता है। इनका उद्देश्य महिलाओं को कानूनी अधिकारों, प्रावधानों के प्रति जाग्रत करना है तथा इससे संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर सजग, सक्रिय तथा सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरण करना है।

    राजनांदगांव, बिलासपुर, रायपुर क्षेत्र में निराश्रित महिलाओं के लिए मातृ कुटीर योजना एवं शासकीय झूला घर, योजनाएं भी प्रारंभ की गई है। जिससे वे निश्चित होकर रोजगार कर सके। मजदूर व पिछडे वर्ग की महिलाओं के बच्चों के लिए बालवाडी संस्कार केन्द्र तथा असहाय महिलाओं के लिए नारी निकेतन खोल गये हैं। निराश्रित विधवा व परित्यक्त महिलाओं के लिए शहरी क्षेत्रों में सुखद सहारा

    योजना अंतर्गत ऐसी महिलाओं को 150 रू. प्रतिमाह दिये जाते हैं

    (7)छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005(Chhattisgarh Tonhi Harassment Prevention Act 2005) -

     महिलाओं को टोनही के रूप में चिन्हित कर उनके उत्पीड़न को रोकने के लिए तथा इस सामाजिक बुराई के उन्मूलन के लिए यह अधिनियम लागू किया गया है।

    (8)छत्तीसगढ़ दहेज प्रतिषेध अधिनियम 2004 लागू किया गया है:( Chhattisgarh Dowry Prohibition Act 2004 has been implemented )-

    तथा छत्तीसगढ़ के सभी जिले में प्रतिषेध अधिकारी नामांकन किये गये है दहेज प्रतिषेध के प्रचार प्रसार के लिए 14 लाख रुपये का बजट प्रावधान भी रखा गया बिलासपुर व रायपुर में बालिकाओ के लिए बाल संरक्षण गृह खोले गये। है।

    (9) स्वंय सिद्धा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम:(Swayam Siddha Women Empowerment Program )-

    महिलाओ को आर्थिक सामाजिक रूप से स्वालम्बी बनाने के लिए भारत शासन की स्वीकृति से 117 विकास खंडो में 100 महिला स्वसमूहो का गठन किया जा चुका समूह को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण व अन्य गतिविधियो संचालित की जा रही है। 

    राज्य महिला आयोग के द्वारा महिलाओं को प्रताडना से बचाने के लिए जनजागरण के साथ पीडित महिलाओं के मदद के उपचार भी किये हैं। पीड़ित महिलाओं को एफ.आई.आर. दर्ज कराने की प्रक्रिया की जानकारी बिना खुशहाल राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। नारी तभी सशक्त हो सकती है। 


     GOE S