औद्योगिक क्रांति Industrial Revolution
औद्योगिक क्रांति का प्रारंभ (Start of industrial revolution) -
"औद्योगिक क्रान्ति" शब्द का प्रयोग फ्रांस
के समाजवादी नेता ब्लेनकुई ने 1837 ई. में किया। सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में 1750 से 1850 की अवधि में
औद्योगिक क्रान्ति हुई, किन्तु शीघ्र ही
स्पेन फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, इटली, स्वीटजरलैण्ड, हॉलैण्ड, स्वीडन, आस्ट्रीया, रूस आदि यूरोपीय
देशों तथा अमरीका एवं जापान में भी इसका प्रसार हो गया।
औद्योगिक क्रान्ति के कारण(Due to industrial revolution)
1.विदेशी बाजार की आवश्यकताओं की पूर्ति:( Meeting the needs of the overseas market )-
आधुनिक युग के आरंभ में
यूरोप के लोगों में अमेरिका और एशिया के नये बाजारों की मांग को पूरा करने के लिए
औजारों तथा उत्पादन के तरीकों में उन्नति करने की इच्छा उत्पन्न हुई।
2.विशाल पूँजी की उपलब्धि:( Huge capital gains)-
1757 ई. में ब्रिटेन की ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने बंगाल के नवाब
सिराजुद्दौला को हराकर बंगाल, बिहार और उड़ीसा सूबो पर अधिकार कर लिया और इन सूबों से
प्राप्त धन को अपने उद्योग की पूँजी बनाया।
3.सस्ते मजदूरों की प्राप्तिः (Cheap labor) -
कृषि दासता समाप्त हो
जाने के कारण उस समय इंग्लैण्ड में सस्ते मजदूर पर्याप्त संख्या में मिल जाते थे।
4. कच्चे माल की प्राप्तिः(Raw material receipt)-
ब्रिटेन को कच्चा माल अपने उपनिवेशकों से प्राप्त हो जाता था।
5.अनुकूल परिस्थितियाँ:( Favorable conditions) -
औद्योगिक क्रान्ति के लिए
ब्रिटेन में माल बेचने के लिए विदेशी बाजार और विकसित समुद्री बेड़ा जैसी अनुकूल
परिस्थितियाँ थीं
औद्योगिक क्रान्ति का प्रभाव(Impact of industrial revolution)
(अ) आर्थिक जीवन पर प्रभाव(impact on economic life):-
1. मनुष्य की सुख-सुविधाओं में वृद्धि हुई।
2. विभिन्न देशों के बीच गहरे आर्थिक संबंध कायम हुए।
(ब) सामाजिक जीवन पर प्रभाव (impact on social life):-
1. नये वर्गों की उत्पत्ति और उनके बीच संघर्ष(The emergence of new classes and the struggle between them) -
औद्योगिक क्रान्ति ने
सम्पूर्ण समाज को दो
वर्गों में विभाजित कर दिया। मजदूर तथा पूँजीपति वर्ग- इससे वर्ग संघर्ष को जन्म
मिला।
2 स्वतंत्र दस्तकारों तथा अन्य बेकारी में वृद्धि (Rise of independent artisans and other unemployment:) -
मशीनों से तैयार माल अच्छा और सस्ता होता था।
इसलिए हाथ से काम करने वाले कारीगर उद्योगपतियों के साथ होड़ में टीक नहीं सके।
उन्हें अपना स्वतंत्र धंधा छोड़कर कारखानों में जाना पड़ा । मशीनों के प्रयोग से
मनुष्य के श्रम की आवश्यकता कम हो गयी। इससे बेकारी में वृद्धि हुई।
3. पारिवारिक जीवन पर बुरा प्रभाव पडा (bad effect on family life) -
संयुक्त परिवार बिखर गया कम आय के कारण। परिवार के स्त्रियों और बच्चों को भी कारखानों में काम करना पड़ा। घर में छोटे-बच्चों एवं बूढ़ों की सही देखभाल नहीं हो सकी।
4. नगरों का विकास (development of cities) -
जिन स्थानों तथा जिलों में बहुत ज्यादा मात्रा
में लोहा तथा कोयला उपलब्ध था। वे शीघ्र ही उद्योगों के केन्द्र बन गए। इससे गावों
को छोड़कर लोग बड़ी संख्या में शहरों की तरफ जाने लगे।
5. शहरों में नैतिक पतन तथा अपराधों में वृद्धि (Moral degradation and rise in crimes in cities) -
कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की दशा बहुत बुरी थी। कम वेतन 20 घण्टे काम करना, भोजन, कपड़ा, मकान की खराब व्यवस्था एवं दबाव की कमी से मजदूरों का स्वास्थ्य घटने लगा। इससे उनका नैतिक पतन भी हुआ।
औद्योगिक क्रान्ति से विश्व को लाभ (The world benefits from the Industrial Revolution) -
(1) औद्योगिक विकास (industrial development ):-
इंग्लैण्ड की औद्योगिक क्रान्ति से प्रेरित होकर विश्व के अन्य देशों ने भी
अपने यहां औद्योगिक विकास किया।
(2) आविष्कार को प्रोत्साहन (encouragement of invention):-
औद्योगिक क्रान्ति के फलस्वरूप विश्व के नये-नये
अविष्कारों को प्रोत्साहन मिला।
(3) विश्व के मानव के सुख-सुविधाओं में वृद्धि (Increase in human amenities of the world):-
औद्योगिक क्रान्ति से माल सस्ता और अधिक मात्रा
में प्राप्त होने लगा । इससे मनुष्य की सुख सुविधा में वृद्धि हुई है।
(4) विश्व के विभिन्न देशों के बीच आपसी आर्थिक संबंधों की स्थापना हुई है(Mutual economic relations have been established between different countries of the world)।
(5) परिवहन तथा संचार के साधनों का समुचित विकासः (Proper development of means of transport and communication:)-
रेल, सड़क, वायु तथा जल यातायात के साधनों ने विश्व की दूरी को बहुत कम कर दिया है। तार, टेलीफोन, डाक आदि संचार के साधनों से विश्व के लोग एक दूसरे के नजदीक आए हैं।
(6) व्यापार तथा कृषि में क्रान्तिः (Revolution in trade and agriculture) –
औद्योगिक क्रान्ति के कारण कृषि में अच्छे बीच, खाद एवं नये कृषि उपकरणों का प्रयोग होने लगा। जिससे कृषि पैदावार में वृद्धि हुई और फसलों के व्यापार में वृद्धि हुई।
(7) विश्व एकता का आदर्श (ideal of world unity):-
औद्योगिक क्रान्ति ने
परिवहन और संचार के साधनों का विकास करके सम्पूर्ण संसार को एकता के सूत्र में
बांध दिया है।
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