माइक्रोप्रोपेगेशन (Micropropagation) – यह पादप प्रजनन की आधुनिक विधि है जिसमें मातृ पौधे के थोड़े से ऊतक से हजारों की संख्या में पादपों (Plants) को प्राप्त किया जा सकता है। यह विधि ऊतक तथा कोशिका संवर्धन तकनीक (Tissue and cell culture technique) पर आधारित है।


इस विधि ऊतक के एक छोटे से भाग को पौधे से (जिनका प्रवर्धन करना होता है) अलग कर लेते हैं और उसे पूतिहीन (Aseptic) दशाओं में पोषक माध्यम (Nutrient medium) पर वृद्धि कराते हैं। यह ऊतक विकसित होकर कोशिकाओं के एक गुच्छे के रूप में वृद्धि करता है इसे कैलस (Callus) कहते हैं। इस कैलस को काफी समय तक गुणन हेतु सुरक्षित रखा जा सकता है। इस कैलस का एक छोटा-सा भाग दूसरे पोषक माध्यम पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है जहाँ पर यह छोटे पौधे या पादप के रूप में विभेदित होता है। इस पादप को निकालकर फिर मृदा में लगा देते हैं। इस विधि में कम समय में बहुत अधिक संख्या में मातृ पौधे के ऊतक से पादपों को प्राप्त किया जा सकता है। यह विधि आर्किड्स (Orchids), कार्नेशन्स (Carnations), गुलदाऊदी (Chrysanthemum) एवं एस्पैरेगस (Asparagus) में अधिक सफल हुई है।