तांबा (Copper)
प्रकृति में तांबा अयस्क कई क्षेत्रों में शुद्ध कणों के रूप में और कई स्थानों में अन्य चट्टानों के साथ पाया जाता है। तांबा बहुत लचीला और बिजली का उत्तम सुचालक होने के कारण इसका प्रयोग प्राचीनकाल से ही किया जा रहा है।
वितरण
भारत में ताँबा निक्षेप का अभाव है। यहाँ अनुमानतः 103 करोड़ टन ताँबे का सुरक्षित भण्डार है, जिनसे धातु अंश लगभग 90.35 लाख टन प्राप्त हो सकता है।
भारत में ताँबा बिहार, झारखण्ड, आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश,
उत्तरांचल, सिक्किम, कर्नाटक और
तमिलनाडु जिले से प्राप्त होता है। झारखण्ड राज्य का भारत में ताँबा उत्पादन में प्रथम स्थान
है। सिंहभूमि, हजारीबाग एवं
संथाल परगना प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
उपयोग
ताँबा बिजली का उत्तम सुचालक है। इस पर जंग नही लगता है तथा इसमें लचीलापन होता है । यह टिकाऊ, सस्ता तथा किसी भी धातु के साथ आसानी से मिल जाने वाला खनिज है। ताँबा का उपयोग प्राचीनकाल से बर्तन, औजार तथा सिक्के बनाने के लिए होता है। आधुनिक युग में इसका उपयोग विद्युत संबंधी उपकरणों के लिए किया जा रहा है।
ताँबे को अन्य धातुओं के साथ भी मिलाकर नवीन धातु के निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है- ताँबे को जस्ते के साथ मिलाकर पीतल, रांगा के साथ मिलकार काँसा, ऐल्युमिनियम के साथ मिलाकर डूराल्यूमिन, निकल के साथ मिलाकर मोनल, काँसे के साथ मिलाकर निकिल सिल्वर, सोने के साथ मिलाकर रोल्ड गोल्ड बनाया जाता है।
अभ्रक:- (Asbestos)
अभ्रक उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। विश्व का 90 प्रतिशत अभ्रक यहाँ पाया जाता है। जो उत्तम
श्रेणी का होता है। इसमें बिजली और गर्मी के लिए कुचालकता होती है। यह स्वच्छ
चमकदार होता है, जिसमें लचक तथा
तड़क होती है। यह पारदर्शी तथा ताप विद्युत तथा ध्वनि अवरोधक पदार्थ है। यह परतदार,
चमकदार हल्का पदार्थ होता है। यह काले, हरे, लाल तथा सफेद रंग में कायान्तरित चट्टानों में प्राप्त होता है।
वितरण
भारत में अभ्रक उत्पादन के लिए बिहार, झारखण्ड, आध्रप्रदेश तथा
राजस्थान राज्य प्रमुख है। जिनसे देश का 60 प्रतिशत अभ्रक निकाला जाता है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उडीसा और केरल में भी अभ्रक का उत्पादन किया
जाता है।
झारखण्ड
यहाँ हराजीबाग, पालामऊ, सिंहभूमि जिलों से अभ्रक प्राप्त होता है ।
बिहारः-
बिहार में चम्पारण, गया तथा मुंगेर जिले
में अभ्रक प्राप्त होता है ।
आंध्र प्रदेशः-
यहाँ नैल्लोर, गुण्टूर जिले में अभ्रक प्राप्त होता है।
उपयोग:-
अभ्रक एक बहुपयोगी खनिज है, जो भूगर्भ से पत्रो के रूप में निकाला जाता है । अभ्रक ताप और विद्युत का कुचालक होता है। इसका उपयोग विद्युत उपकरणों के लिए किया जाता है।
बॉक्साइट (bauxite)
बॉक्साइट का उपयोग प्रमुखतः ऐलुमिनियम बनाने के लिए किया जाता है। बाक्साइट मिट्टी के रंग की होती है और प्रायः लाल या पीले लोहे के उज्जमय भस्म के साथ मिली हुई पाई जाती है। इसमें धातु का अंश 50 से 65 प्रतिशत तक होता है। बाक्साइट से ऐलुमिना और उससे ऐलुमिनियम बनाया जाता है।
वितरण
भारत में बाक्साइट के प्रमुख उत्पादन क्षेत्र झारखण्ड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के पठारी प्रदेश हैं। इसके अतिरिक्त गोवा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु एवं जम्मू कश्मीर भी उत्पादक क्षेत्र है।
v झारखण्ड का बाक्साइट उत्पादन में देश में प्रथम स्थान है, यहाँ सबसे महत्वपूर्ण खाने रांची और पालामऊ जिलों में है ।
v उडीसा में कालाहांडी और सम्बलपुर, बोलंगिर तथा कोरापुट जिलों से बाक्साइट प्राप्त होता है।
v छत्तीसगढ़ के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र सरगुजा, बिलासपुर, रायगढ़, बस्तर और दुर्ग जिले हैं।
v मध्यप्रदेश में शहडोल, बालाघाट, मंडला, जबलपुर जिले एवं गुजरात के सूरत, सौराष्ट्र, बड़ोदरा, खेड़ा और सावरकांठा जिलों से बाक्साइट प्राप्त होता है।
v महाराष्ट्र में बाक्साइट पुणे, सतारा, कोल्हापुर, कोलाबा, थाना और रत्नागिरी, जिलों में दक्कन ट्रैप के ऊपरी भागों में मिलता है।
v
कर्नाटक, तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश भी बाक्साइट उत्पादक
राज्य है।
उपयोग
इसका उपयोग मुख्यतः ऐलुमिनियम बनाने के लिए होता है, रेल के डिब्बों, बर्तन जलयानों के निर्माण, प्रक्षेपास्त्रों,
अग्निबाणों, तापरोधी पदार्थों, विज्ञान के यन्त्र, विद्युत की
बेरियर लाइनों, पुलों के ढांचे व
रंग-रोगन, जीवन-रक्षक नौकाएँ आदि
बनाने में होता है।
व्यापार
रूस, जापान तथा यूरोपीय देशों-ब्रिटेन तथा जर्मनी को उत्तम किस्म की अर्धनिर्मित धातु का निर्यात किया जाता है।
सोना:-(Gold)
सोना अपने चमकीले रंग, सुन्दरता, टिकाऊपन और गलाने की सुविधा तथा कम मात्रा में पाये जाने के कारण प्राचीनकाल से ही मनुष्य के लिए आकर्षण की वस्तु रहा है। इसका उपयोग आभूषण दांत, औषधि निर्माण हेतु किया जाता है। सोना कभी भी शुद्धरूप में नहीं मिलता है। यह अन्य धातुओं के साथ मिला हुआ पाया जाता है। आकर्षक और बहुमूल्य होने के कारण मानव इसको प्राप्त करने के लिए सदैव लालायित रहता हैं।
वितरण
भारत में सोने के उत्पादन का लगभग 98 प्रतिशत सोना कर्नाटक राज्य के कोलार की खानों से प्राप्त होता है। इसके
अतिरिक्त कर्नाटक के धारवाड़ और सांगली जिलों में तमिलनाडु के सलेम जिले, आंध्रप्रदेश के वायनाड व चित्तूर जिलों,
झारखण्ड के सिंहभूम, मानभूम जिलों, उड़ीसा के गंगपुर, सम्बलपुर और
कोरापुट जिलों में भी सोने के विस्तृत भण्डारों कापता लगा है। छत्तीसगढ़ के रायपुर,
महासमुंद, राजनादगांव, सरगुजा तथा जशपुर
नगर में भी स्वर्णक्षेत्र प्राप्त हुए हैं।
उपयोग
सोने का उपयोग आभूषण बनाने, दांत, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा औषधियों के निर्माण हेतु किया जाता है।
व्यापार
भारत में सोने का उत्पादन मांग के अनुसार बहुत कम होता है। अतः समय-समय पर इसका आयात किया जाता है।
चांदी:-(Silver)
चांदी सफेद, चमकीली बहुमूल्य धातु जो शुद्धरूप है में तथा अन्य खनिजों (जस्ता, ताँबा और सीसा) के साथ मिली हुई पाई जाती है। यह ठोस, भारी, कठोर और जंग न लगने वाली बहुमूल्य खनिज धातु है।
वितरणः-
चांदी मुख्यतः राजस्थान (जावर) झारखण्ड (मानभूमि) और कर्नाटक (कोलार) की
स्वर्ण खान से प्राप्त होती है ।
उपयोग:-
चांदी का उपयोग सोने से भी अधिक होता है। उपयोग हेतु इसमें तांबा, जस्ता आदि धातुएं मिलाई जाती है। जिससे यह कड़ी हो जाती है।
इसका उपयोग आभूषण बनाने, औषधि, भस्म बनाने, चांदी के वर्क बनाने, फोटोग्राफी में, शल्य चिकित्सा में, हड्डियों के बन्द
बांधने में, सिर की कुचली
हड्डियों की जगह लगाने में तथा मुद्रा के रूप में किया जाता है।
व्यापार:-
भारत में चांदी बहुत कम मात्रा में प्राप्त होती हैं अतः आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु चांदी विदेशों से आयात की जाती है।
हीरा :-(Dimond)
हीरा मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में प्राप्त होता हैं। यह अत्यंत मूल्यवान धातु है जो कठोर और चमकीला होता है। छत्तीसगढ़ के देवभोग में भी हीरा पाया जाता है।
हीरे का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
नमक:-(Salt)
नमक समुद्र के जल, खारी झीलों तथा नमक के शैल से प्राप्त होता है। इसका रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड है। यह सफेद रंग का होता है। समुद्र तटीय राज्यों के कच्छ काठियावाड़, सूरत, गोवा, तूतीकोरिन, कटक, पुरी, सुन्दरवन क्षेत्रों के जल से नमक प्राप्त होता है।
· नमक सभर, फलौदी, डिडवाना झीलों व जलाशयों से भी प्राप्त होता है। चट्टानों खनिज एवं उर्जा संसाधन से भी नमक प्राप्त होता है। जिसे "सेधा नमक" कहते हैं ।
·
नमक का उपयोग
भोजन में किया जाता है। इसके अलावा रंग, कलई कांच, प्लास्टीक,
स्टार्च आदि उद्योगों में भी इसका उपयोग किया
जाता है।
जिप्सम
जिप्सम को सेलखड़ी भी कहते हैं। इसका उपयोग सीमेंट बनाने, रासायनिक खाद, प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा कागज बनाने के लिए किया जाता है।
भारत में जिप्सम उत्पादक क्षेत्र राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश,
पंजाब, जम्मूकश्मीर, हिमाचल प्रदेश,
मध्यप्रदेश और गुजरात राज्यों में प्राप्त होता
है।
संगमरमर
संगमरमर कठोर और भारी होता है। यह भारत में मुख्यतः राजस्थान के मकराना एवं मध्यप्रदेश के पाया जाता है। जबलपुर में इसका उपयोग भवन निर्माण एवं मूर्ति बनाने के लिए किया जाता है।
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