मुहावरे

मुहावरे का अर्थ- मुहावरे ऐसे वाक्याश होते हैं जो सामान्य अर्थ का बोध न करा कर विशेष अर्थ का बोध कराते हैं। नीचे कुछ मुहावरे उनके अर्थ और वाक्य में प्रयोग दिये गये है

अंक भरना =  (गले लगाना) = पुत्र को देखते ही माँ ने उसे अपने अंक में भर लिया।

अंग टूटना  + (थकान की पीड़ा)  = खटते-खटते मेरे अंग टूटने लगे ।

 अक्ल का दुश्मन + ( मूर्ख) = इस लड़के ने नया टॉर्च तोड़ दियायह लड़का अक्ल का दुश्मन है।

अकड़ दिखाना + (घमंड करना) = लोग धन आने पर अकड़ दिखाते हैं।

अंगूठा दिखाना + (मौके पर धोखा देना) = उसने रुपये देने का वचन दियापर समयपर अँगूठा दिखा दिया।

 अगर-मगर करना +  (बहाना करना) = रुपये देने में वह अगर-मगर करने लगा।

अँगुली उठाना +( निंदा करना) = गलत काम करने वालों पर लोग अँगुली उठाते हैं।

अड्डा जमाना + (अधिकार करना) =  जुआरियों ने उस घर पर अड्डा जमा लिया है।

 आँख का काँटा होना + (शत्रु होना) = अभिमन्यु कौरवों की आँखों का काँटा बन गया था।

आँख चुराना + (नजर बचाना) = कर्ज लेने के बाद वह मुझ से आँख चुराता फिरता है।

 आँख का तारा होना +(बहुत प्रिय) = हर पुत्र अपनी माँ की आँखों का तारा होता है।

 आँखें खोलना+ (सावधान होना) = धोखा खाने के बाद ही आँखे खुलती हैं।

 आँखों में धूल झोंकना+ (धोखा देना) = आँखों में धूल झोक कर ही ठग ठगी करते हैं।

 आँखें फेरना +( उदासीन होना या उपेक्षा करना) + उन्होंने सभी संबंधियों से आँखें फेर ली हैं।

आँख गड़ना + (दृष्टि जमाना) = बुढ़िया की जमीन पर पड़ोसी की आँखें गड़ी हुई हैं।

 आँख दिखाना +(रोव गाँठना) = आप आँख दिखा कर मुझ से काम नहीं करवा सकते।

आँख मारना + ( इशारा करना)= उसके आँख मारते ही अपराधी भाग गया।

आँखें चार होना+ (एकाएक देखा-देखी होना) = आँखें चार होने पर शत्रुता भी मैत्री में बदल जाती है।

आँखों में बसना + (हृदय में समाना) = श्रीकृष्ण की मूर्ति मीरा की आँखों में बसी रहती थी।

आसमान टूटना + (विपत्ति आना) = गांधी जी को गोली लगते ही देश पर आसमान टूट पड़ा।

आँसू पीना + (दुःख को दबाना) = गरीब लोग आँसू पी कर रह जाते हैं।

आस्तीन का साँप + (कपटी मित्र) : अँगरेज भारत के राजाओं से मित्रता करते थेपर आस्तीन का साँप बन कर।

 अपनी खिचड़ी अलग पकाना + (स्वार्थी होकर अलग रहना) : विवाह होते ही रामबाबू का बेटा अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगा ।

आँखों में धूल झोंकना + (गफलत देना) : दुकानदार की आँखों में धूल झोंक कर एक आदमी मुफ्त में सामान ले गया।

ईद का चाँद होना + (बहुत दिनों पर दिखाई होना) : बहुत दिनों बाद मनोहर को देख  कर मित्रों ने कहा कि तुम तो ईद के चाँद हो गये।

ईंट से ईंट बजाना + (विनाश करना) : यदि आप संपत्ति का बँटवारा न करेंगेतो मैं ईंट से ईंट बजा दूंगा।

ईंट का जवाब पत्थर से देना +(शत्रु को करारा जवाब देना) : श्रीमती इंदिरा गांधी ईंट का जवाब पत्थर से देना जानती थीं।

 

उल्टी-सीधी सुनाना + (बुरा-भला कहना) : वह आपको हमेशा उलटी-सीधी सुनाता रहता है।

 उल्टी गंगा बहाना (विपरीत कार्य करना) : सोने को लोहा बनाना उलटी गंगा बहाना जैसा काम है। ऊँट के मुँह में जीरा (आवश्यकता से बहुत कम) : एक पहलवान को एक रसगुल्ला खिलाना ऊँट के मुंह में जीरा देना है।

 एड़ी-चोटी का पसीना एक करना (बहुत परिश्रम करना) : सोहन ने एड़ी-चोटी का पसीना एक कर मकान बनाया।

 कमर कसना (तैयार होना) : युद्ध के मैदान में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई कमर कसकर उतर पड़ीं।

औंधे मुँह गिरना (धोखा खाना) :  इस बार व्यापार में सेठ जी औंधे मुँह गिर गये।

कमर टूटना (बेसहारा होना) : लगातार घाटा होने से सेठ जी की कमर टूट गई।

 कलम तोड़ना (खूब लिखना) : उसने परीक्षा में कलम तोड़ कर लिखा ।

कलेजा काँपना (भयभीत होना) : आतंकवादियों की हरकत देख कर सबका कलेजा कॉप जाता है।

कलेजे पर साँप लोटना (ईर्ष्या करना) : दूसरों की उन्नति देख कर लोगों के कलेजे पर साँप लोटने

    लगता है।

वरना मैं बुरी कान खोलना (सावधान करना) : श्री बाबू ने कान खोल दियास्थिति में आ जाता।

कान खड़े होना (चौकन्ना होना) :  मेस में डाकुओं को देख कर मरजीना के कान खड़े हो गये।

कान पकड़ना (प्रतिज्ञा करना) :  जुर्माना होने पर व्यापारी ने कान पकड़ लिया कि अब मैं मिलावट नहीं करूँगा।

कान में तेल डाल कर बैठना (कुछ न सुनना) : लाख कहो परवह कान में तेल डालकर बैठ जाता है। कान देना (ध्यान देना) : हमें व्यर्थ की बातों पर कान नहीं देना चाहिए।

कान भरना (चुगली करना) : नया मैनेजर कर्मचारियों के विरुद्ध मालिक का कान

भरता रहता है।

कान काटना (आगे निकल जाना) : यह देखने में लड़का हैपर चालाकी में यह बड़े-बड़ों के कान काटता है।

कान पर जूं नहीं रेंगना (अनसुना करना) : कर्मचारियों द्वारा महंगाई भते की बार बार माँग करने पर भी मालिक के कान पर जूँ नहीं रेंगती।

कौड़ी का तीन होना  (बर्बाद हो जाना) : वह लड़का पढ़-लिख न सकाफलस्वरूप कौड़ी का तीन हो गया।

कलेजा धक-धक करना (बहुत डर जाना) : परीक्षा हॉल में घुसते ही कमजोर छात्र का कलेजा धक-धक करने लगता है।

कलेजा ठंडा होना (शत्रु की हानि से खुशी) : अपने शत्रु को जेल जाते देख कर श्यामलाल का कलेजा ठंडा हो गया।

कलेजा फटना (बहुत दुःखी होना) मकान बिकने पर रामप्यारी का कलेजा फट गया।

कलेजा चीर कर दिखाना (पूर्ण विश्वास दिलाना) : मैं अपना कलेजा चीर कर तुम्हें कैसे दिखलाऊँ कि मैं तुम्हे मानता हूँ।

कुआँ खोद कर पानी पीना (परिश्रम कर गुजारा करना) : उस गरीब की हालत यह है कि वह रोज कुआँ खोद कर पानी पीता है।

 किताबी कीड़ा (पाक) :  कोई किताबी कीड़ा बनने से विद्वान नहीं होता।

खाक छानना (भटकना) :  आजकल पढ़े-लिखे युवक नौकरी के लिए खाक छानते फिरते हैं।

 खाक में मिलना (नष्ट होना) : जुए के कारण उनकी सारी जायदाद खाक में मिल गयी।

खून के घूँट पीना (क्रोध को दबाना) : श्मशान घाट में अपने भाई के कातिल को देखकर श्याम लाल खून के घूंट पी कर रह गया ।

खिल्ली उड़ाना (हँसी उड़ाना) :  हास्यास्पद कार्य करने वालों की सभी खिल्ली उड़ाते हैं। खेत आना ( मारा जाना) द्वितीय विश्व में लाखों सैनिक खेत आए।

खरी-खोटी सुनाना (भला-बुरा कहना) : ईमानदार व्यक्ति सबको खरी-खोटी सुनाता है।

खून खौलना (क्रोध होना) : दुश्मन को देखते ही उसका खून खौलने लगता है।

 गला काटना (अहित करना) : कुछ व्यापारी दुगुना-तिगुना दाम लेकर ग्राहकों का गला काटते हैं।

गाल फुलाना (रूठ जाना) : पता नहींसासु जी अपनी पतोहू से क्यों गाल फुलाये बैठी हैं।

गाल बजाना (बकवाद करना) : अरे यारतुम तो हमेशा गाल बजाकर जीतते हो ।

 गले का हार होना (बहुत प्यारा होना) : लक्ष्मण जी अपने बड़े भाई श्रीराम के गले का हार थे।

घर बसाना (विवाह करना) : हाल ही में उसने अपना घर बसाया है।

घर फोड़ना (घर में झगड़ा लगाना) : वह दुष्ट औरत सबका घर फोड़ती रहती है।

घोड़ा बेच कर सोना (निश्चिन्त हो जाना) : बेटी का विवाह कर रामधनी जी घोड़ा बेच कर सोते हैं।

 घी के दीये जलाना (खुशियाँ मनाना) :  मोहन बाबू के मंत्री बनते ही परिवार वालो ने घी के

    दीये जलाये ।

1.    ऑंखें दिखाना = कोध करना 

 शिक्षक के आँखे दिखाते ही सब छात्र शात हो गये।

2.    आँखे फेर लेना = ध्यान न देना 

 सोहन ने अपनी माँ की तबियत देखकर आँखें फेर ली।

3. अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना =संकट मोल लेना 

रामसिंह से तकरार बढ़ाकर तुमने अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारी है।

 4. ईंट का जवाब पत्थर से देना =जैसे को वैसा जवाब देना।

 राणा प्रताप ने अकबर को ईंट का जवाब पत्थर से दिया ।

5. ईद का चांद होना =बहुत दिनों बाद दिखायी देना।

राम आजकल ईद का चाँद गया है।

6. ईंट से ईंट बजा देना =करारा जवाब देना।

 शिवाजी ने औरंगजेब की ईंट से ईंट बजा दी।

उड़ती चिड़िया पहचाननाअनजान व्यक्तियों के बारे में भी जान लेना।

मोहन को कोई धोखा नहीं दे सकता क्योंकि वह उड़ती चिड़िया पहचानता है।

उल्लू सीधा करना= अपना कार्य सिद्ध करना।

 दलबदलू लोग अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं।

उल्टी गंगा बहना =प्रतिकूल या उल्टा कार्य करना।

लड़की द्वारा लड़के से शादी का प्रस्ताव किया जाना उल्टी गंगा बहना जैसा कार्य है।

10 दौरा पीसना = गुस्सा प्रदर्शित करना।

  मुझे फूल तोड़ता देख माली दाँत पीसता हुआ मेरे पीछे दौड़ा।

 11. दाँतकाटी रोटी होना= गहरी दोस्ती होना।

  जगदीश और रमेश में दाँत काटी रोटी का सम्बन्ध है।

12 धूप में बाल सफेद करनाबिना अनुभव लिए अधिक उम्र होना।

  तुमको यह छोटा-सा कार्य करना नहीं आता मालूम होता है तुम्हारे बाल धूप में सफेद हुए हैं।

 13. निहाल होना = अत्यधिक खुश होना।

  मोहिनी घनश्याम जैसा सुयोग्य बेटा पाकर निहाल हो गई।

 14. नाक में दम करनाबहुत तंग करना।

   मीनू और रिंकु की शरारतों ने नाक में दम कर दिया है।

15. नींद टूटना = होश में आना सावधन होना।

   मेरी नींद तब टूटी जब मेरा बहुत-सा धन नष्ट हो गया।

16. पगड़ी उछालना = बदनाम करना या निन्दा करना

  दूसरों की पगड़ी उछालने में कुछ लोगों को बड़ा मजा आता है।

17. पानी-पानी होना = शर्मिन्दा होना।

      रामू अपनी करनी पर पानी-पानी हुआ।

18पानी भरना =महत्व कम हो जाना।

   कालिदास के सामने तात्कालीन सारे कवि पानी भरते थे।

 19 फावडे टिकानाविश्राम करना 

श्रमिक लोग यदि फावडे टिका में तो संसार का गति रुक जायेगी।

20 बातें बनाना =गप्पै हाँकना 

बहुत से लोग केवल बातें बनाते रहते हैं काम कुछ भी नहीं करते हैं।

21. बल्लियों उछलना= बहुत खुश होना।

 सुरेश ने ज्यों ही अपना रिजल्ट सुना त्यों ही बल्लियों उछलने लगा. क्योंकि यह कक्षा में प्रथम आया था।

22 बछिया का ताऊ = भोला-भाला।

 मोहन के पिता बछिया के ताऊ है उन्हें कोई भी डटकर चला जाता है।

23 मौहों पर बल पड़ना= नाराज होना।

अकबर का सन्देश सुनकर राणा प्रताप के भौहों पर बल पड़ गये।

 24 मुँह छिपाना= किसी गलती से लजाना ।

मैं उसकी चोरी की बात जानता हूँ इसलिए वह मुझे देखते ही मुँह छिपाने लगा।

 25मिट्टी में मिलना = नष्ट होना।

समय पर कार्यवाही न होने कारण उसके अर्मन

26.काला अक्षर भैंस बराबर = बिना पढ़ा-लिखा होना।

27.   खोदा पहाड़ निकली चुहिया= परिश्रम अधिक फल राम मिलना।

सी.बी. आई जोध में घोटालों पर थोड़ी जानकरी ही मिल पायी। स्पष्ट है खोदा पहाड़ निकली पुड़िया।

28.  गंगा गये गंगादास जमुना गये जमुनादास= अवसरवादी ।

 निदक दोनों पक्षों में जाकर एक-दूसरे की बुराई करता हैवह खुद मदुभाषी बना रहता हैजिससे गंगा ग गंगादासजमुना गये जमुनादास की स्थिति उजागर होती है।

29.  आम के आम गुठलियों के दाम = दूना लाभ ।

रामलाल को बेटे के जन्मदिवस पर इतने उपहार मिले कि उसने खर्चे से चौगुना प्राप्त कर लिया। इसी को कहतेहैं आम के आम गुठलियों के दाम ।

30 अधजल गगरी छलकत जाय =थोड़ी विद्या या थोड़ा धन पाकर धन करना।

 संदीप ने बीए. क्या पास कर = लियागाँव में यह किसी को कुछ समझता नहीं। इसी को कहते हैं अधजल गगरी छलकत जाय।

 31. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत= अवसर बीत जाने पर पश्चाताप करने से कोई लाभ नहीं होता है।

 राकेश ने साल भर तो परिश्रम किया किया नहीं अत परीक्षा में फेल हो गया और लगा पश्चाताप करने उसके पिता ने उसे समझाते हुए कहा कि अब पछताए होत क्या जब चिड़ियों चुग गई खेत।

 17 ऊँची दुकान फीका पकवान= बाहरी तड़क-भड़क अधिक वास्तविकता कम।

 महगे अशोक होटल से अच्छा भोजन गर्नशीराम के सस्ते होटल में मिलता है। यहाँ ऊँची दुकान फीका पकवान वाली बात है।

18. का वर्षा जब कृषि सुखाने समय बीत जाने पर सहायता देने से क्या लाभ । भोपाल गैस पीड़ितों को राहत राशि अब मिल रही है जब स्थिति सामान्य हो चुकी है। ऐसे में का वर्षा जब कृषि

सुखाने ।

19. हाथकंगन को आरसी= क्या प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं।

जहाँ तक मोहन की योग्यता का प्रश्न है उसका परीक्षाफल आपके सम्मुख है। आप देख सकते हैं हाथकगन को आरसी क्या।

20. दूध का दूध और पानी का पानी= सच्चा न्याय निष्पक्ष निर्णय।

पंचायत के निर्णय ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।